What is GPS: GPS क्या है और कैसे काम करता है?

GPS Global Positioning System आपको एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचने में मदद करता है। जीपीएस का इस्तेमाल हम लोकेशन पता करने में करते हैं। GPS तीन कम्पोनेंट से मिल कर बना होता है, जिसमें GPS Ground Control Station , GPS Satellite और GPS Receiver शामिल है। GPS कम से कम 24 उपग्रहों से बना है, जीपीएस सभी प्रकार के मौसम में लगातार 24 घंटे काम करता है।
हम किसी नई जगह पर जाते हैं तो मोबाइल फोन में लोकेशन डाल देते हैं. हमें पता चल जाता है कि वह स्थान कितने किलोमीटर दूर है, कितना समय लगेगा, किस रास्ते से हम जल्दी पहुंच सकते हैं। अगर कोई हम तक पहुंचना भी चाहता है तो अब हम मोबाइल के जरिए उसकी लोकेशन शेयर कर देते हैं.


सब कुछ कितना आसान हो गया है! जिस तकनीक पर ये सभी ऑपरेशन किए जाते हैं उसे ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी जीपीएस (GPS) कहा जाता है।

GPS कैसे काम करता है?

जीपीएस नेविगेशन (दिशा खोजने) उपग्रहों की एक प्रणाली है जो पृथ्वी की परिक्रमा करती है। ये सैटेलाइट हमारे फ़ोन पर सिग्नल भेजते हैं. फ़ोन में एक रिसीवर इन सिग्नलों का पता लगाता है और उन्हें बताता है कि वे कहाँ हैं। इसलिए जब आप जानना चाहते हैं कि कहीं कैसे पहुंचा जाए, तो जीपीएस आपको यह पता लगाने में मदद करता है कि आप कहां हैं। गंतव्य तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका • है। प्रत्येक जीपीएस उपग्रह दिन में दो बार पृथ्वी की परिक्रमा करता है। यदि 24 में से एक भी विफल हो जाता है तो बैकअप के लिए तीन अतिरिक्त उपग्रह हैं। अन्य उपग्रह नेविगेशन प्रणालियाँ हैं जो जीपीएस के समान ही काम करती हैं। आईआरएनएसएस भारत की क्षेत्रीय नेविगेशन प्रणाली है, जो भारत और हिंद महासागर को कवर करती है।
GPS का इतिहास कैसा था?

GPS का इतिहास- आज से ठीक कई साल पहले 1960 के दशक में सर्वप्रथम जीपीएस का उपयोग अमेरिका USA द्वारा किया गया था। इसका उपयोग करने का मुख्य कारण यहां था कि अमेरिकी पनडुब्बी यानी की ग़ोताख़ोर जहाज (जिसमें navy मिसाइलों को रख कर ले जाया जाता है) इसको आसानी से ट्रैक करने के लिए, सैटेलाइट नेविगेशन का यूज किया गया था एवं जीपीएस का उपयोग defence (रक्षा), millitary (सैन्य) जैसी field में भी अत्यंत लाभकारी रहा क्योंकि इसके उपयोग द्वारा किसी को भी कोई नुकसान नहीं हुआ था। फिर इसका उपयोग यहां तक की सीमित नहीं रहा अपितु इसके पश्चात इसको civil (नागरिक) field में भी लागू किया गया। इस तरह जीपीएस अपनी मनचाही उपलब्धि प्राप्त करने में सफल रहा। आज के वक्त में जीपीएस इतना महत्वपूर्ण हो चुका है कि इसकी मदद से लोग जिनको रास्ता, सड़क ये सभी जानकारियां ज्ञात नहीं है। वे लोग दूर-दूर तक आराम से सही रास्ते के साथ ट्रैवल कर सकते हैं।

GPS कहाँ-कहाँ उपयोग होता है?

GPS का उपयोग विभिन्न फील्ड में किया जाता है। आइये नीचे कुछ उपयोग विस्तार से जानते हैं !

1. Location- जगह

• लोकेशन जानने में जीपीएस बहुत महत्व रखता है। उदाहरणार्थ- जब हम किसी अनजान जगह पर भटक जाते हैं या फिर हमें रास्ता, सड़क मालूम नहीं होता है तो जीपीएस की मदद से हम वहां के स्थान अथवा जिस एड्रेस पर हमें जाना है। उसके बारे में जान सकते हैं।

2. Timing- समय

• जीपीएस की मदद से सटीक समय को मापना बहुत सरल होता है। प्रति जीपीएस सैटेलाइट में एटॉमिक क्लॉक्स होती है और इनकी भूमिका जीपीएस सिगनल में ज्यादा सटीक समय डेटा सौंपने में होती है।

3. Navigation- मार्गदर्शन

• नेविगेशन में भी जीपीएस बहुत महत्व रखता है। हमें अगर किसी एड्रेस पर जाना है और हमने सड़क, रास्ता नहीं देखा है तो यहां जीपीएस अहम् भूमिका निभाता है क्योंकि जीपीएस की मदद से हम सड़क, रास्ते के बारे में सर्च कर सकते हैं। जिस एड्रेस पर जाना चाहते है उसकी दूरी मालूम सकते हैं। वहां के मौसम के बारे में जा सकते हैं। लगभग जीपीएस पूरी तरह से हमारा मार्गदर्शन का कार्य करता है।

4. Mapping- मानचित्रण

• मैपिंग में जीपीएस नक्शे के बारे में जानकारियां प्रदान करता है। अर्थात इसका उपयोग वर्ल्ड मैप क्रिएट करने में एवं मैप के बारे में इंफॉर्मेशन प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

5. Tracking- नज़र रखना

• जीपीएस का उपयोग ट्रैकिंग में भी बहुत किया जाता है। जैसे हमें किसी व्यक्ति, वस्तु, वाहन इत्यादि को अगर ट्रैक करना है तो ऐसे में जीपीएस का सहारा लिया जाता है।

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